Divorce Ke Liye Kuch Bhi Karega Season 1 Review: एक बर्बाद आइडिया

समाज को देगी संदेश

“Divorce Ke Liye Kuch Bhi Karega” एक नई वेब सीरीज है जो हमें शादी, तलाक और रिश्तों की जटिलताओं के इर्द-गिर्द एक कहानी पेश करती है। यह शो कुछ अनोखे और मनोरंजक तत्वों को लेकर आया है, लेकिन क्या ये तत्व शो को सफल बनाते हैं या फिर यह एक और बर्बाद मौके की तरह है? आइए, विस्तार से जानते हैं।

शो की कहानी की शुरुआत एक सामान्य दांपत्य जीवन से होती है। यहाँ पर हमें एक ऐसे कपल की कहानी देखने को मिलती है, जो शादी के बाद की चुनौतियों का सामना कर रहा है। दोनों के बीच के मतभेद, एक-दूसरे की अपेक्षाएँ, और रिश्तों की जटिलताएँ शो का मुख्य फोकस हैं। लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, हमें यह महसूस होता है कि कहानी में कुछ कमी है, जो इसे एक अनोखा अनुभव बनाने में विफल रहती है।

शो में मुख्य किरदारों का चयन कुछ हद तक प्रभावशाली है, लेकिन उनकी अभिनय क्षमता का उपयोग सही तरीके से नहीं किया गया है। कई बार ऐसा लगता है कि किरदार अपने आप में खो गए हैं और उन्हें अपनी भावनाओं को सही तरीके से व्यक्त करने का अवसर नहीं मिला। खासकर मुख्य जोड़ी की केमिस्ट्री कमजोर दिखाई देती है, जिससे दर्शकों को उन पर विश्वास करना कठिन होता है।

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पटकथा में कुछ अच्छे मोड़ हैं, लेकिन कई जगह यह अत्यधिक प्रेडिक्टेबल और सामान्य लगती है। संवादों में ताजगी की कमी है, और कई बार यह नीरस महसूस होते हैं। शो की थीम के अनुसार, दर्शकों को उम्मीद थी कि यह कुछ चौंकाने वाले या मजेदार पल प्रस्तुत करेगा, लेकिन यह आशा अधूरी रह जाती है।

कुछ ऐसी होगी कहानी

निर्देशन की दृष्टि से, शो में कुछ अच्छे शॉट्स और सेटिंग्स हैं, लेकिन कहानी की गति और प्रस्तुति के मामले में यह कहीं न कहीं फिसल जाता है। तकनीकी पहलुओं की बात करें तो, कैमरा वर्क ठीक है, लेकिन संपादन और संगीत की कमी इसे और कमजोर बनाते हैं। संगीत का चयन भी कहानी के अनुरूप नहीं लगता, जिससे दृश्य अधिक प्रभावी नहीं बन पाते।

  1. पटकथा की कमी: कहानी की तार्किकता और सुसंगतता में कमी दिखाई देती है। कई जगह पर यह एक दूसरे से जुड़ी हुई नहीं लगती, जिससे दर्शकों की रुचि कम होती है।
  2. कमज़ोर संवाद: संवादों में नयापन और मजाक का अभाव है। इसे और बेहतर बनाया जा सकता था जिससे दर्शक अपनी सीट पर ही बैठे रहें।
  3. किरदारों का विकास: किरदारों के विकास में कोई विशेष गहराई नहीं है। यह समझना मुश्किल होता है कि वे किस कारण से ऐसा कर रहे हैं या उनके पीछे की सोच क्या है।
  4. थीम की उपेक्षा: शो की मूल थीम यानी “तलाक” को सही तरीके से नहीं छुआ गया है। इसके कई पहलुओं को हल्के में लिया गया है, जिससे शो का प्रभाव कमजोर होता है।
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कुछ दिलचस्प क्षण: शो में कुछ पल ऐसे हैं जो हंसने के लिए मजबूर करते हैं। ये पल कभी-कभी कहानी को आगे बढ़ाते हैं। समाज की सच्चाइयाँ: तलाक और दांपत्य जीवन की जटिलताओं को दर्शाने का प्रयास किया गया है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है जो कि समाज में चर्चा का कारण बन सकता है।

फिल्मांकन की कोशिश: कुछ दृश्यांकन काफी आकर्षक हैं, जो शो में एक नया रंग भरते हैं “Divorce Ke Liye Kuch Bhi Karega” में एक अच्छा आइडिया है, लेकिन इसे सही तरीके से नहीं पेश किया गया है। कहानी में गहराई और प्रभाव की कमी है, और किरदारों का विकास भी संतोषजनक नहीं है।

अगर शो के निर्माताओं ने पटकथा और संवादों पर अधिक ध्यान दिया होता, तो शायद यह एक बेहतर अनुभव बन सकता था। वर्तमान में, यह शो दर्शकों के लिए एक ‘हंसी मजाक’ के रूप में काम करता है, लेकिन इसे गंभीरता से लेना मुश्किल है। इसलिए, इसे एक तलाक की तरह ही दे देना चाहिए, ताकि अच्छे आइडिया को बर्बाद न होने दिया जाए।

आखिर कहा जा सकता है कि इस शो ने दर्शकों की अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकामयाबी पाई है। इसलिए अगर आप इस शो को देखना चाहते हैं, तो केवल मनोरंजन के लिए ही इसे देखिए। लेकिन अगर आप एक गहन और सच्ची कहानी की तलाश में हैं, तो शायद आपको इसे छोड़ देना चाहिए।

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